वाल्मीकि नगर में पहली सोमवारी को लेकर उमड़ी कांवरिया की भीड़।

वाल्मीकि नगर में पहली सोमवारी को लेकर उमड़ी कांवरिया की भीड़।
वाल्मीकि नगर में पहली सोमवारी को लेकर उमड़ी कांवरिया की भीड़।

BAGAHA News11tv
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सावन के पहली सोमवारी पर कांवरियों की काफी भीड़ वाल्मीकि नगर में उमड़ी पड़ी हैं। दोमास लग जाने से यह सावन का महीना दो माह तक चलेगा।इसके बावजूद रविवार की शाम से ही वाल्मीकि नगर के पवित्र त्रिवेणी नदी व सोनभद्र से जल लेकर विभिन्न शिव मंदिरों के कांवरियों का जत्था रवाना हुआ। बोल-बम के नारों से वाल्मीकि नगर का कोना-कोना गुजयमान हो उठा। लोग भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर बढ़े चले जा रहे थे। जगह-जगह कांवरिया शिव धुन गाते दिखे। भक्ति में नाचते दिखे।वही भीषण गर्मी व कडे धूप में कांवरियो का उत्सव काफी देखने को मिला। सावन के कड़े धूप के बीच शिव भक्त अपने मंजिल की ओर बढ़ते दिखे।सावन का महीना शिव भक्तों के लिए पावन महीना होता है। वाल्मीकि नगर व सीमावर्ती नेपाल के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। शिवभक्त गण जटाशंकर धाम मंदिर,महाकालेश्वर धाम मंदिर, चंदेश्वर महा शिव मंदिर, इटहिया मंदिर आदि समेत सीमावर्ती त्रिवेणी स्थित शिवालयों में भगवान शिव के मंदिरों में कांवरिया पहुंचने शुरू हो गए हैं।


हिंदू धर्म में श्रावण मास को बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस पवित्र महीने में भगवान शिव की भक्ति करने से साधकों को बल, बुद्धि एवं विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सावन के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक अथवा दूधाभिषेक करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं . माना जाता है कि इसके साथ भगवान विष्णु, ब्रह्मा, इंद्र और भगवान शिव के गण श्रावण मास में ही पृथ्वी पर वास करते हैं और अलग-अलग रूपों से भगवान शिव की आराधना करते हैं. श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सभी दुखों का नाश होता है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. मान्यता यह भी है कि श्रावण मास में द्वादश ज्योतिर्लिंग में से किसी एक के भी दर्शन करने से साधक को अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है.इसके महत्व का वर्णन शिवपुराण सहित अन्य शास्त्रों में भी किया गया है .


--- सज-धज कर तैयार हुआ शिव मंदिर 


प्रसिद्ध वाल्मीकिनगर शिव मंदिर  जटाशंकर, कौलेश्वर मंदिर, हरनाटांड़  स्थित सुंदर महादेव मंदिर, पक्कीबावली, अमलोरवा कुट्टी स्थित बाबा अमलेश्वर नाथ,मगरही कुट्टी, सेमरा, सौरहा सहित रामनगर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक नीलकंठ नर्मदेश्वर महादेव  मंदिर में मंदिर के रंग रोगन व मुख्य द्वार को सजाया गया है. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जा रहा हैं. मंदिर परिसर में साफ-सफाई व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद की गई है. कांवड़ यात्रा पर आए लोग भी मंगलवार से जलाभिषेक किया जाएगा.इसके अलावा शहर थरूहट क्षेत्र के विभिन्न गांव में स्थित शिव में शिव भक्तो द्वारा जलाभिषेक किया जायेगा . 


---कब से शुरू हो रहा है सावन 

 इस बार सावन का महीना करीब 2 महीने का होने वाला है. 4 जुलाई को आरंभ होगा और इसका समापन 31 अगस्त को हो जाएगा. जिसमें से 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिकमास या मलमास रहेगा.यानी इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए करीब 59 दिन का हैं. ऐसा खास संयोग 19 वर्षों के बाद बन है.  

----सावन सोमवार की तिथियां

सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार:14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त