हरितालिका तीज व्रत श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया l

हरितालिका तीज व्रत श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया l
हरितालिका तीज व्रत श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया l

BAGAHA News11tv 

वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।

वाल्मीकि नगर क्षेत्र समेत पड़ोसी देश नेपाल के तराई क्षेत्रों में शुक्रवार को महिलाओं द्वारा हरितालिका तीज व्रत श्रद्धा भाव के साथ मनाया जा रहा है पड़ोसी देश नेपाल समेत वाल्मीकि नगर क्षेत्र में आज महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। और नाच गान के द्वारा ईश्वर को प्रसन्न करने का प्रयास करती हैं।बता दें कि
हरितालिका तीज व्रत भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।आचार्य पंडित कामेश्वर तिवारी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार मां पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए 12 वर्षों तक कठोर तप किया। तब नारद मुनि ने उनके पिता हिमालय से कहा कि भगवान विष्णु पार्वती से विवाह करना चाहती हैं।हिमालय राजी हो गए। यह समाचार जब पार्वती ने सुना तो वे बड़ी दुखी हुईं। फिर उनकी सहेलियों ने उन्हें अपहृत कर घने जंगल मे गुफा के भीतर छुपा दिया। वहां वे 24 घंटों तक बिना अन्न जल के निराहार रहकर बालू का शिवलिंग बना कर भगवान शिव की पूजा की। फलस्वरूप भगवान शिव प्रकट होकर मनचाहा वरदान दिए।उस दिन भाद्रपद शुक्ल तृतीया थी। इसी कारण इस व्रत का नाम हरितालिका पड़ा। हरित+आलिका=हरितालिका। हर ली गई जो सहेलियों के द्वारा। आमतौर पर इस व्रत को सुहागिन स्त्रियां करती हैं। अपने पति की लंबी आयु एवं उनका प्रेम पाने के लिये यह व्रत किया जाता है । और  मनचाहा वर प्राप्त कर सकती हैं।उन्होंने बताया कि इस वर्ष इस व्रत के समय बुधादित्य योग एवं गुरु शुक्र की युति चल रही है। अतः इस व्रत के करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। एक बार इस व्रत के प्रारंभ कर देने के बाद इसे छोड़ा नही जाता। यदि आवश्यक हो तो उस महिला के स्थान पर उसके पति इस व्रत को कर सकते हैं। इस दिन मिट्टी का शिवलिंग बना कर मां पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। एवं मां पार्वती को विविध श्रृंगार सामग्री चढ़ानी चाहिये। इससे पति को लंबी आयु मिलती है और उनका प्रेम प्राप्त होता है। रात्रि में जागरण करना चाहिए।दूसरे दिन प्रातः काल स्नान कर चावल से बने चूर्ण जिसे (बुक्का) कहा जाता है चढ़ाकर पारण किया जाता है। श्रृंगार की सामानों की दुकानों पर गुरुवार की शाम से ही खासी भीड़ देखी गई। वही मौसमी फल जैसे शरीफा, मकई का बाल, सेब, केला ,अनार, अमरूद आदि  फल ऊंचे दाम पर बिके। आज का दिन महिलाओं के लिए खास महत्व का है।महिलाएं भगवान शिव की पूजा अर्चना कर अपने पति की लंबी आयु का आशीर्वाद मांगती हैं।