नेपाल के गुदरिया पुलिया से जलश्राव होने से सरेहो में बह रहे पानी से किसान परेशान l

नेपाल के गुदरिया पुलिया से जलश्राव होने से सरेहो में बह रहे पानी से किसान परेशान l
नेपाल के गुदरिया पुलिया से जलश्राव होने से सरेहो में बह रहे पानी से किसान परेशान l

-- बोरा भराई कर जलश्राव को रोकने का कार्य किया जा रहा है

BAGAHA News11tv 


वाल्मीकिनगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।  

वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज से निकले नेपाल के मुख्य पश्चिमी नहर में पटवन और  बिधुत उत्पादन के लिए पानी का सप्लाई किया जाता है।बुधवार को 12500 क्यूसेक पानी की डिस्चार्ज होते ही 9.4 आरडी नेपाल स्थित गुदरिया का पूर्व से क्षतिग्रस्त पुलिया से जल का रिसाव शुरू हो गया। और पानी का बहाव सरेह होते हुए ग्रामीण इलाका परसहिया,महलवारी की ओर होने लगा।जिससे गुदरिया गांव के निवासी रोहित चौधरी, ओम प्रकाश महतो, जयंत्री गुप्ता,तुलाराम महतो,मिथम गुरु, कन्ही मुसहर,गोबिंद महतो, सतई महतो, बारु मुखिया सहित दर्जनों ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए बताया कि जब तक इस क्षतिग्रस्त पुलिया का निर्माण नहीं हो जाता है। तब तक परेशानी बार- बार होता रहेगा।यहां पूर्व में पुलिया था ।जो लगभग 6 वर्ष पूर्व ध्वस्त हो चुका है।हर वर्ष बारिश के मौसम में पानी के रिसाव के कारण सरेह सहित गांव में पानी घुस जाने से फसल बर्बाद हो जाता है।साथ ही ग्रामीणों को जान माल का खतरा बना रहता है। जलश्राव की सूचना मिलते ही अभियंताओं की टीम घटनास्थल  पर पहुंच बोरा भराई का कार्य शुरू कर जलश्राव को रोक दिया।इस बाबत मुख्य पश्चिमी नहर प्रमंडल वाल्मीकिनगर के कार्यपालक अभियंता अभय कुमार चंदन से पूछे जाने पर बताया कि पूर्व में गुदरिया गांव के सामने दाहिने तरफ बने पुलिया  ध्वस्त हो जाने के कारण उक्त स्थल पर बोरा भराई के द्वारा पानी के बहाव को रोक दिया गया था।पुनः बुधवार को मांग के अनुसार 12500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिसके दबाव के कारण पानी का रिसाव शुरू हो गया था। जिसे बोरा भराई कर रोक दिया गया है।साथ ही उक्त जगह पर लगातार अभियंताओं की टीम द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि मुख्य पश्चमी नहर के नेपाल क्षेत्र के विभिन्न आरडी पर लगभग चार पूल पुलिया का निर्माण करना है।जिसके लिए पूर्व में प्रस्ताव पारित कर विभाग के वरीय अधिकारियों के पास भेजा जा चुका है।उन्होंने आगे बताया कि मामला अंतर्राष्ट्रीय होने के कारण इस पर पहल केंद्र सरकार के द्वारा किया जायेगा।जिसके लिए अगले आदेश का इंतजार है।आदेश मिलते ही अग्रेतर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।