पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था का दावा निकला खोखला

पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था का दावा निकला खोखला

कलक्टर के 3 साल बड़े सबूत एसीडी भी कुछ नहीं कर पाई

धौलपुर / News11Tv/दीपू वर्मा| कांग्रेस सरकार का पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने का दावा खोखला साबित हुआ है जिला कलक्टर के पद से 31 मई को सेवानिवृत्त हुए राकेश जयसवाल सबसे बड़े सबूत हैं। अष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान भी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों को नजरन्दाज कर बेशकीमती भूमि के भूखंडों के किए फैसले और गैर खातेदारों को दिए गए खातेदारी अधिकारों के बाद भी जिला कलक्टर की गर्दन नहीं नाप पाया। जिले के वाशिंदे कांग्रेस सरकार की व्यवस्थाओं को जुमला बताने से नहीं चूक रहे हैं।
बता दें कि राज्य के पूर्वी मुहाने पर स्थित धौलपुर जिले की सीमा उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश से लगी है जिला अय और आतंक के साए व असुरक्षा से अछूता नहीं है। सेवानिवृत्ति के बाद से ही जिला कलक्टर का पद रिक्त है। माना जा रहा है कि सरकार राज्यसभा के चुनाव के बाद ही किसी प्रमोटी या सीधी भर्ती के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को जिला कलक्टर के पद पर आसीन करेगी से आमजन को स्वच्छ, संवेदनशील पारदर्शी एवं उत्तरदायी व्यवस्था देने का वादा कर सता में आई अशोक
गहलोत सरकार विधायकों के पाला बदलने की धमकियों के चलते प्रशासन को सुदृढ़ करने में असफल साबित हुई है। पिछले 3 वर्ष के कार्यकाल पर नजर डालें तो जिले में तहसीलदार व नायब तहसीलदारों के अधिकांश पद रिक्त रहे हैं। कार्य व्यवस्था के नाम पर वरिष्ठता एवं राज्यस्तर से की गई स्क्रीनिंग को नजरन्दाज करते हुए ऐसे कार्मिकों को तहसीलदार, उप पंजीयक व नायब तहसीलदारों के पदों पर सुशोभित कर दिया, जो किसी भी स्तर पर सुशोभित करने योग्य नहीं थे पूरे समय की मनमानी
राज्य के राजस्व विभाग व राजस्व मंडल ने जिला कलकटर संभागीय आयुक्त व उपखंड अधिकारियों के निजी सहायक,
रीडर व निजी स्टाफ को एक ही कार्यालय सहित अनुभाग में 5 वर्ष से अधिक अवधि तक
ठहरे कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से हटाने व अगले 5 वर्ष तक पुन: उन्हीं स्थानों पर नहीं लगाने के आदेशों की जिला कलक्टर ने जमकर अनदेखी की सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त जानकारी
के अनुसार जिला कलक्टर के निजी सहायक अर्जुनसिंह व मजहर खान अनदेखी के पुख्ता सबूत हैं कारोबारियों को अनुचित लाभ भारत सरकार, राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश एवं निर्देशों को नजरन्दाज कर सार्वजनिक उपयोग की भूमि नदी. जाले तालाब, पोखर, चारागाह, आम रास्ते व पहाड़ों पर अनुचित रूप से किए गए अतिक्रमणों व गठित समितियों द्वारा चिन्हित अवैध कब्जों के कई दर्जन मामलों पर वर्षों से जमी धूल को झाड़ने के बजाय कब्जाधारियों को संरक्षण दिया जाता रहा। जिला कलक्टर की सेवानिवृत्ति के बाद से ही कार्यालयों में वीरानी छाई हुई है।
जिले के इतिहास में पहली बार एक माह तक चले विदाई समारोह
जिले के इतिहास में पहली बार किसी जिला कलक्टर राकेश जयसवाल के स्वागत में विभिन्न स्थानों पर एक माह तक विदाई समारोह आयोजित किए गए। समारोहों में स्वयंसेवी संस्थाओं, सरकारी अध सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, कारोबारियों व कई अन्य वर्ग के लोगों की उपस्थिति देखी गई। इतना ही नहीं सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन एजेंसियों के जरिए होर्डिंग, पोस्टर लगवाकर कहा गया कि कलक्टर साहब हमनें तुमाई बाँत सुति आवेगी जैसे फ्लेक्श बैनर लगवाकर नजदीकियों का प्रदर्शन किया गया व विदाई समारोह आयोजित कर उनके विजुअल वीडियो जारी किए गए।