ग्रामीण और किसानों ने चंदा इकट्ठा कर श्रमदान से बना डाला पुलिया बनाकर

ग्रामीण और किसानों ने चंदा इकट्ठा कर श्रमदान से बना डाला पुलिया बनाकर
ग्रामीण और किसानों ने चंदा इकट्ठा कर श्रमदान से बना डाला पुलिया बनाकर

ग्रामीण और किसानों ने चंदा इकट्ठा कर श्रमदान से बना डाला पुलिया 


बगहा/News11tv/:-
नए साल के आगमन पर चंपारण के किसानों व ग्रामीणों ने श्रमदान व चंदा इकट्ठा कर पुलिया बना कर एक मिशाल कायम कर दिया है । प्रखंड बगहा-2 के किसानों ने श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर गंडक नदी के रोहुआ नाला पर पुलिया का निर्माण किया है ताक़ि खेतों से फ़सल लेकर चीनी मिल व बाज़ारों तक पहुँचाई जा सकें ।बतादें,जहां एक तरफ पूरी दुनिया अपने अपने तरीकों से नव वर्ष का जश्न मना रही है, वहीं बगहा के जरलहिया गांव में किसान औऱ ग्रामीणों ने श्रमदान से पुलिया बना नया साल के जश्न में सराबोर हो रहे हैं। दरअसल जब सांसद,विधायक व उपमुख्यमंत्री से पूल निर्माण के लिए फरियाद कर थक हार गए तब उन्होंने खुद से पहल की और चंदा इकट्ठा कर श्रमदान से इस पूल को बनाया है। बताया जा रहा है की यूपी बिहार सीमा पर स्थित बगहा में मदनपुर बेलहवा पंचायत के जरलहिया स्थित रोहुआ नाला पर एक पुलिया निर्माण के लिए किसान कई वर्षों से मांग कर रहे थे। क्योंकि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल से सटे सुदूरवर्ती इलाके के चार पांच गांवों के किसानों का गन्ना गंडक दियारा क्षेत्र में पड़ता है और गंडक नदी से निकले रोहुआ नाला से होकर हीं गन्ना की खेप ट्रैक्टर या बैलगाड़ी व ट्रक से किसान लाते हैं। ऐसे में किसानों को गन्ना के सीजन में काफी दिक्कतें होती हैं और यूपी के रास्ते गन्ना लेकर आना पड़ता था

जो काफी खर्चीला होता था। लिहाजा किसानों की मांग जब जनप्रतिनिधियों ने नहीं सुनी तब ग्रामीण किसानों ने खुद से कमान संभाल ली और चंदा व श्रमदान से रोहुआ नाला पर रातों रात पूल का निर्माण कर एक मिसाल पेश कर जनप्रतिनिधियों को आइना भी दिखाया है । बतातें चलें कि गन्ना की फ़सल अभी भी हजारों एकड़ खेतों में पड़ा हुआ है जिसे काटकर चीनी मिलों तक भेजने के साथ साथ खेत ख़ाली होने पर रबी फसलों के बुआई को लेकर चिंतित किसानों ने चीनी मिल प्रबंधन व प्रशासन समेत जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से तंग आकर सिस्टम को तमाचा जड़ा है।
ग्रामीणों का कहना है की चीनी मिल प्रबंधन समेत सांसद,विधायक और उप मुख्यमंत्री तक से पुलिया निर्माण के लिए गुहार लगाई गई लेकिन किसी ने नहीं सुना उसके बाद ग्रामीणों ने खुद से इस पुलिया को बनाया है और नए साल में चार पांच गांव के किसानों के लिए यह एक बड़ा तोहफा साबित होगा।