नेपाली हाथियों को नेपाल वापसी  पर वन कर्मियों ने ली राहत की सांस  ।

नेपाली हाथियों को नेपाल वापसी  पर वन कर्मियों ने ली राहत की सांस  ।
नेपाली हाथियों को नेपाल वापसी  पर वन कर्मियों ने ली राहत की सांस  ।

अभिमन्यु गुप्ता की रिपोर्ट।

वाल्मीकि नगर न्यूज़ 11टीवी :- वीटीआर के वनक्षेत्र में नियमित अंतराल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले नेपाल से आए मेहमान हाथियो के झुण्ड का वापस अपने वतन नेपाल की सीमा में प्रवेश करने की सूचना है। हाथी के वापस नेपाल चले जाने की खबर से वनकर्मियो ने राहत की सांस ली है। नेपाली हाथियों का झुंड वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र और गोनोली वन क्षेत्र में चहलकदमी कर रहा था। जिससे दोनों वन क्षेत्र के अधिकारियों और कर्मियों की नींद उड़ गई थी ।कारण की स्वभाव से आक्रामक और गुस्सैल होने के कारण यह हाथी नुकसान पहुंचाने से गुरेज नहीं करते हैं।बिहार के एकमात्र टाइगर रिजर्व में इन दिनों आए नेपाली हाथी अब वापस नेपाल की तरफ कूच कर गए है। पगमार्क के मुताबिक ऐसा वन विभाग का मानना है । जानकारो की माने तो नेपाली क्षेत्र में हाथियों के भोजन में कमी होने के चलते हीं हाथी वीटीआर की सीमा में प्रायः प्रवेश कर जाते हैं।नेपाल के चितवन नेशनल पार्क( राष्ट्रीय निकुंज) की खुली सीमा वीटीआर से मिली जुली है। समानांतर घना जंगल के साथ ही पानी की उचित व्यवस्था नेपाल के हाथियों को खासी भाती है। यह बिहार का एक मात्र सबसे बड़ा  समृद्ध और जैव विविधता वाला क्षेत्र है।वीटीआर जैव विविधता के मामले में काफी समृद्ध माना जाता है। पर्यावरण के दृष्टिकोण से इस जैव विविधता को भारतीय संपदा और अमूल्य पारस्थिति के धरोहर के तौर पर माना जाता है। इस बाबत पूछे जाने पर गोनौली वनक्षेत्र पदाधिकारी राजकुमार पासवान ने बताया कि हाथियों ने वापस नेपाल का रुख कर लिया है।