पत्रकार होते हैं कलम के सिपाही-----
ठकराहाँ/News11Tv/बिकास तिवारी। अपने बेबाक पत्रकारिता से चर्चा में आए मनीष तिवारी पत्रकार ने एक बैठक के दौरान पत्रकार दिवस पर बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा कि संविधान में दी गई व्यवस्था के अनुसार पूरे देश का संचालन चार भागों में बांटा गया।संविधान के संचालन का सारा दायित्व लोकतंत्र के चार स्तंभों विधायिका,कार्यपालिका,न्यायपालिका एवं पत्रकारिता को दिया गया। सभी स्तंभ अपने अपने दायित्व का पालन करने में जुट गए। यह निर्विवाद सत्य है कि विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं पत्रकारिता को दिए गए अधिकारों और कर्तव्यों का दायित्व निभाने का प्रयास किया जा रहा है,लेकिन चुनौतियां से भरे हुए माहौल में तकरीबन सभी स्तंभ, अपने अपने पथ से विचलित होते जा रहे हैं। सबका अपना अपना महत्वपूर्ण दायित्व है लेकिन लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता का जो महत्व भारत के संविधान के संचालन में दी गई व्यवस्था में प्रदर्शित किया गया है | वह किसी अन्य स्तंभ के महत्व से कम नहीं है। यह बिल्कुल सही है कि बिना किसी उपयुक्त साधन से शहर से देहात तक पत्रकारिता में जुटे हुए साथी अर्थव्यवस्था से ज़ू़झ रहे हैं,फिर भी उन्हें अपने महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन करते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता का मानक स्थापित करना होगा और इसी निष्पक्षता की बदौलत तमान गरीबों,असहाय, मजलूमों,मजदूरों को न्याय मिल पाने में सफलता मिल रही है। आज सोशल मीडिया का डंका बज रहा है, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं टेलीविजन की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। मेरे साथी पत्रकार बंधुओं से मेरा निवेदन है कि वह अपनी मर्यादा को कायम रखते हुए पत्रकारिता को एक मिशन बनाएं और सत्य को सत्य लिखें,झूठ को झूठ लिखें, निर्भीकता और निडर होकर कलम चलाएं,तथाकथित लुटेरों, भ्रष्टाचारियो, प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों के पिछलग्गू लोगों से दूर रहकर अपनी कलम की पैनी धार से गरीबों का कल्याण करें |उन्हें न्याय दिलाने के लिए अपने मीडिया के माध्यम से विधायिका,कार्यपालिका और न्यायपालिका का ध्यान आकर्षित करें। प्रशासन के जनविरोधी कारनामों को समाज के सामने उजाकर इन्हें बेनकाब करें। मेरा विश्वास है कि भारत के संविधान में दी गई लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत चतुर्थ स्तंभ की महत्वपूर् भूमिका पत्रकारिता का अस्तित्व कायम रखने के लिए यदि हमारे पत्रकार बंधु,पत्रकारिता को मिशन मानकर अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे,तो उनकी निश्चित रूप से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की सार्थक भूमिका होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने के साथ आमजन को न्याय मिलेगा और उन्हें शोषण से बचाने में मदद मिलेगी।