- फिर एक बार वीटीआर में पहुंचा नेपाली हाथीयों का झुंड।

- फिर एक बार वीटीआर में पहुंचा नेपाली हाथीयों का झुंड।
- फिर एक बार वीटीआर में पहुंचा नेपाली हाथीयों का झुंड।

- वीटीआर के चारों हाथियों को कोतराहा वन परिसर में किया गया शिफ्ट।


वाल्मीकिनगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।

वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र में फिर एक बार नेपाली क्षेत्र से भटके मेहमान हाथियों की चहलकदमी देखी जा रही हैं।वही वीटीआर के जटाशंकर वन परिसर के वन कक्ष संख्या टी 1 में हाथी मलखनता के समीप एक बार फिर नेपाली हाथी के पग मार्क देखी गई है।जो जटाशंकर,मोटर अड्डा,भालू थापा,परेवादह वन क्षेत्र में लगातार चहलकदमी कर रहा है।मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार  नेपाली जंगली हाथी रविवार की रात वीटीआर से सटे पड़ोसी देश नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज से भटककर सरहद को पार कर वीटीआर के भारतीय वन क्षेत्र में आ गया है।और स्वच्छंद रूप से चहलकदमी कर रहा है। बताते चले की वीटीआर का हरा भरा जंगल नेपाली जंगली हाथियों को खूब भाता है। समय-समय पर यह नेपाली हाथी भारतीय वन क्षेत्र में आकर कई बार उत्पात भी मचाते रहते हैं। इसी क्रम में  नेपाली हाथीयों का झुंड जो लगभग आधा दर्जन की संख्या में हैं,को भारतीय वन क्षेत्र में देखा गया है।जिस कारण वनकर्मियों की टीम को हाथियों के चहलकदमी पर नजर रखने की ताकीद की गई है।इधर वन क्षेत्र में जाने वाले पर्यटकों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
*वीटीआर के सुरक्षा के लिए रखें चार हाथियों को सुरक्षा कारणों से कोतराहा वन परिसर में किया गया शिफ्ट*:
वीटीआर के वाल्मीकिनगर में चार हाथी मणिकंठा,द्रोणा, राजा और बालाजी को कौलेश्वर स्थित हाथी शाला में रखा गया था। परंतु नेपाली हाथी के आगमन को देखते हुए सुरक्षा के मध्य नजर इन चारों हाथियों को कोतराहा स्थित कौशल विकास केंद्र परिसर में सोमवार की दोपहर शिफ्ट कर दिया गया है। इस बाबत पूछे जाने पर वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉक्टर नेशामणि ने बताया कि नेपाली जंगली हाथियों की चहलकदमी  जटाशंकर वन क्षेत्र में देखा गया है। जिसे देखते हुए चारों हाथियों को सुरक्षा के मध्य नजर कोतराहा वन परिसर स्थित कौशल विकास केंद्र के परिसर में शिफ्ट कर दिया गया है। इधर वन कर्मियों की टीम को नेपाली जंगली हाथी के चहलकदमी पर नजर रखने के लिए लगाया गया है।