मृतक के परिजनों ने कहा बिमारी से हुई मौत
बगहा/ News11tv/
बगहा पुलिस जिला के लौकरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत नयागांव रामपुर पंचायत के पीपरा धिरौली वार्ड नम्बर 15 निवासी हीरालाल राम की गुरूवार की शाम संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। हिरालाल राम की मौत से उनके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। उसकी पत्नी उर्मिला देवी का रो रो कर बुरा हाल है। मृतक अपने पीछे चार मासूम बच्चों को छोड़ गया है। जिनके नाम क्रमशः निभा कुमारी 17वर्ष, निशा कुमारी 14वर्ष, राजेंद्र कुमार, उर्फ कोईल 8वर्ष तथा भूवर कुमार 5वर्ष है।
परिजनों के अनुसार उनकी तबीयत सुबह से ही खराब थी जिसकी स्थानीय स्तर पर इलाज कराई जा रही थी। तबीयत बिगड़ने लगा तो परिजन बगहा ले जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में हीरालाल राम की मौत हो गयी। मौत के बाद आसपास में विभिन्न प्रकार की अफवाह उड़ने लगी। वहीं कुछ लोगों का मानना था कि शराब की सेवन से हीरालाल की मौत हो गई है। मामले की सूचना पर रामनगर एसडीपीओ सत्यनारायण राम तथा लौकरिया थानाध्यक्ष अभय कुमार अपने पुलिसिया दल बल के साथ शुक्रवार की सुबह पिपरा धिरौली गांव में पहुंचे तथा मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दिया। वहीं उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर प्रभुनाथ सिंह विभाग के कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे हुए थे। इस बीच बगहा अनुमंडल अधिकारी के तरफ से नियुक्त मजिस्ट्रेट बगहा दो कृषि पदाधिकारी राजकुमार भी मौके पर पहुंच गए तथा उन्होंने अपने स्तर से परिजनों से पूछताछ की। मृतक की पत्नी, भाई व चाचा ने स्पष्ट बताया कि शराब का मामला नहीं है तथा उसकी तबीयत खराब थी और इलाज के दौरान ही मृत्यु हो गई। मजिस्ट्रेट के द्वारा शव की पोस्टमार्टम कराने की बात कही गई तो परिजनों ने साफ इंकार कर दिया।
रामनगर एसडीपीओ सत्यनारायण राम ने बताया कि मामले की सूचना पर मैं स्वयं जांच के लिए आया तथा परिजनों सहित आसपास के सूत्रों से जानकारी हासिल किया। मृतक के भाई, पत्नी तथा चाचा ने पोस्टमार्टम के लिए शव देने से इंकार कर दिया तथा मौत की वजह बीमारी बता रहे हैl
थाना क्षेत्र में खुलेआम बिकती है शराब
परिजनों के अलावा ग्रामीण और वार्ड सदस्य पति मोती राम व पंच के साथ साथ वार्ड सचिव तक इस बात का दावा कर रहे हैं कि पुलिस प्रशासन की जानकारी में यहां लम्बे समय से शराब बनती है और लोग शराब पीते हैं. इसी बीच हीरालाल राम बुधवार शाम इसी गांव धांगड़ टोली में शराब पी थी. घटना के बाद मृतक के परिजनों समेत ग्रामीणों में सरकार व प्रशासन की कार्रवाई को लेकर आक्रोश है. लोग ये मांग कर रहे हैं कि अगर बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है तो फ़िर इसे पूरी तरह काबू में किया जाए. वरना शराब को मानक तय कर खोल दिया जाए ताकि फ़िर कोई दूसरा ग्रामीण ऐसी जहरीली शराब पीने से बेमौत न मरे.