- बहनों ने शुभ मुहूर्त में भाइयों की कलाई पर बांधी राखी*

- बहनों ने शुभ मुहूर्त में भाइयों की कलाई पर बांधी राखी*
- बहनों ने शुभ मुहूर्त में भाइयों की कलाई पर बांधी राखी*

BAGAHA News11tv 

वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।


वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र में चारो तरफ हर साल  की भांति इस साल भी सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार बड़ी धूम-धाम से धार्मिक  रीति रिवाज  से मनाया गया। इस वर्ष दोपहर   1.32 तक भद्रा नक्षत्र के कारण शुभ मुहूर्त नहीं होने से  बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर दोपहर 1:32 के बाद रक्षा सुत्र बांध कर तिलक किया उनकी लंबी उम्र का ईश्वर से आशीर्वाद मांगा एवं मिठाई खिलाई। तो भाइयों ने उन्हें उपहार दिया। और उनकी रक्षा का वचन भी लिया। 
बता दें की रक्षाबंधन अति प्राचीन त्योहार है। इसका विवरण अनेक पुराणों तथा धर्मशास्त्रों में मिलता है। इस बाबत पूछे जाने पर पंडित उदय भानु चौबे ने बताया कि  राजा बलि के 100 यज्ञ पूर्ण कर लेने पर इंद्र को डर हो गया कि उनका सिंहासन खतरे में है तो विष्णु भगवान वामन अवतार धारण कर राजा बलि से तीन पग पृथ्वी दान मांग लिए और एक पग में स्वर्ग, दूसरे पग में पृथ्वी को नाप लिया। तीसरे पग में राजा बलि ने अपना सिर दे दिया भगवान के पैर रखते ही वे रसातल में चले गए। भविष्य पुराण के अनुसार देव दानव युद्ध में देवता हारने लगे तो देवगुरु बृहस्पति के कहने पर इसी दिन इंद्राणी ने इंद्र को रक्षा बांधा और तब इंद्र विजयी हुए। इस प्रकार यह रक्षाबंधन का त्योहार प्राचीन काल से भाई बहन के पवित्र रिश्तों का प्रतीक रहा है।
 रक्षा बंधन का कार्य बहनों द्वारा शुभमहूर्त में किया जाए तो  काफी फलदायक है यह पर्व बहनों के प्रेम को दर्शाता है ।क्षेत्र के चौक चौराहों पर काफी भीड़ देखी गयी तथा सभी दुकानों पर रक्षा बंधन की गीत बजते रहे तथा खासकर राखी एवम मिठाई के दुकानों पर।