वाल्मीकि नगर में दूसरी सोमवारी को लेकर पहुंचा कांवरियों का जत्था।
BAGAHA News11tv
वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।।
दूसरी सोमवारी पर शिव भक्तों का बड़ा जत्था पहुंचा वाल्मीकि धाम। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के घनघोर जंगल में अवस्थित जटाशंकर धाम मंदिर और कमलेश्वर धाम मंदिर का दर्शन करने और जलाभिषेक करने हजारों कांवरियों का दल पहुंचा है, वाल्मीकि नगर। बताते चलें कि प्राचीन ऐतिहासिक कॉलेश्वर धाम मंदिर लगभग 185 वर्ष पुराना है । इस मंदिर के शिलापट्ट पर जटाशंकर मंदिर और त्रिवेणी धाम का भी उल्लेख किया हुआ है। बेतिया के महाराजा द्वारा निर्मित कॉलेश्वर धाम मंदिर के शिलापट्ट पर लिखित तथ्यों से यह जानकारियां स्पष्ट होती है, कि कॉलेश्वर धाम मंदिर से भी पुराना जटा शंकर धाम मंदिर है। कुछ लोगों की मान्यता है,कि इस मंदिर का निर्माण भी स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने था। बिहार,उत्तर-प्रदेश और सीमावर्ती नेपाल के भक्तों की संख्या ज्यादा होती है। जो गंडक नदी के संगम तट से पवित्र जल को कांवरिया बन कर ले जाते हैं। और बिहार,उत्तर-प्रदेश और नेपाल के विभिन्न मंदिरों में अर्पण करते हैं। केसरिया कपड़ों में संपूर्ण वन्य क्षेत्र शिव भक्ति मय हो गया है। बोल बम के नारे गुंजायमान हो रहे हैं। मंदिर परिसर के आगे प्रसाद की दुकानें लगी है। वाल्मीकि नगर के गोल चौक की दुकानों में कांवर, केसरिया कपड़े,आदि सामानों की खूब बिक्री हो रही है।प्राचीन काल से वाल्मीकि नगर के संगम तट से पवित्र जल ले जाकर विभिन्न शिवालयों में चढ़ाने की परंपरा पुरानी है।क्या बच्चे ,बूढ़े ,जवान सभी उम्र के भक्त बोल बम के नारे लगाते हुए प्रस्थान करते हैं। वाल्मीकि नगर संगम तट से और त्रिवेणी धाम से जल बोझी कर कांवरिया नर्मदेश्वर महादेव रामनगर , पक्की बावली मंदिर बगहा ,और पंचमुखी महादेव मंदिर इटहिया जिला महाराजगंज उत्तर प्रदेश में अर्पण करते हैं। कांवरियां भक्तों की टोली बाजे गाजे के साथ साउंड सिस्टम के साथ नृत्य करते दिखाई देते हैं। दूसरी सोमवारी पर भी शिव भक्तों का उत्साह देखा जा रहा है।भीषण गर्मी व कड़े धूप के बावजूद कावंरियों में उत्साह देखा गया। डाक बम कांवरिया जहां दौड़ते हुए जल को ले जाकर रामनगर नर्मदेश्वर महादेव मंदिर और पंचमुखी महादेव मंदिर इटहिया में अर्पण करते हैं। वही साधारण बोल बम अपनी निरंतरता के साथ चलते हुए बाबा के दरबार पहुंचते हैं।