चुनाव के बीच नीतीश ने मुसलमानों से कर दी एक और अपील, कहा- BJP का नाम लेकर विरोधी पार्टी डरा रहे...
- मैनाटांड़ के रामपुरवा हाईस्कूल के प्रांगण में चुनावी सभा को किया संबोधित
BAGAHA News11tv
बिहार के सीएम नीतीश कुमार लगातार चुनावी सभा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि 2005 के पहले हिंदू मुसलमान आपस में लड़ते रहते थे। भाजपा जदयू की सरकार बनी तो हमने हिंदू-मुसलमान के आपसी मतभेद और मनभेद को खत्म कर दिया। अब कहीं हिंदू-मुसलमान के झगड़े नहीं होते हैं। भाजपा जदयू की सरकार में ही कब्रिस्तानों की घेराबंदी आरंभ हुई, मदरसों को सरकारी मान्यता दिया।
उन्होंने कहा कि फिर भी विरोधी भाजपा (BJP) का नाम लेकर डरा रहे हैं। 60 वर्ष से पुराने मंदिरों की घेराबंदी करा रहे हैं। हम सभी धर्म के लोगों के लिए काम करते हैं। वे सोमवार को वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र के मैनाटांड़ रामपुरवा हाई स्कूल के प्रांगण में एनडीए प्रत्याशी सुनील कुमार के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे।
बीच में बिहार में दो बार इधर-उधर हुए- नीतीश कुमार
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने जो काम किया है उसे भूलिएगा मत। भाजपा के साथ मेरा रिश्ता वर्ष 1995 से है। बीच में बिहार में दो बार इधर-उधर हुए हैं। बगैर नाम लिए राजद (RJD) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह गड़बड़ कर रहा था। इसलिए उसे हटा दिए। अब हमलोग संकल्प लिए हैं कि कहीं नहीं जाएंगे।
नीतीश ने कहा कि भाजपा-जदयू (JDU) साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले गरीबी के कारण लड़कियां पांचवीं कक्षा से आगे नहीं पढ़ती थी। साइकिल, पोशाक योजना चालू किया, अब लड़कियां पढ़ रही हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक-दो मरीज आते थे।
नीतीश ने कहा कि सुविधाएं बढ़ी तो अब प्रत्येक माह 11 हजार मरीज स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच कराने आ रहे हैं। विकास कार्यों को जिक्र करते हुए कहा कि 2005 से लेकर 2020 तक आठ लाख नौकरियां दी। अब इसे 10 लाख करना है। घर-घर बिजली पहुंचाया, हर घर नल का जल और शौचालय बनवाया।
नीतीश ने शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा के कार्यों को गिनाया
थरुहट और थारूओं के विकास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 मैं इको टूरिज्म घोषित किया था, तब से इसको लेकर काफी कम हो रहा है। उन्होंने शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा के कार्यों को गिनाया। महिलाओं को सम्मान देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया।
इस वजह से काफी संख्या में महिलाएं समाज की सेवा कर रही है। 2009 में नगर निकायों में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण देकर उन्हें सेवा का अवसर दिया है। महिलाओं के उत्थान के लिए वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर हमने स्वयं सहायता समूह का गठन किया।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया। समूह में काम करने वाली महिलाओं को नाम दिया जीविका। उस समय केंद्र में जो सरकार थी , वह हमलोगों के खिलाफ था। यहां आकर देखा तो पूरे देश में लागू किया और नाम दिया आजीविका।
नीतीश ने कहा कि बिहार की जीविका और देश भर में आजीविका। अभी बिहार में 10 लाख 51 हजार स्वयं सहायता समूह से एक करोड़ 31 लाख महिलाएं जुड़कर आत्मनिर्भर बनी है।
पहले कोई महिला बोलती नहीं थी अब महिलाएं अपने सम्मान के साथ है। सभा को बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, राज्यसभा सदस्य संजय झा, सतीश चंद्र दुबे व अन्य ने संबोधित किया।
बिहार के 94 लाख गरीब परिवारों को देंगे दो-दो लाख
नीतीश ने कहा कि बिहार में हमने जाति आधारित गणना कराए। उस समय है, उन लोगों के साथ थे। बैठक में देश भर के लिए जाति आधारित गणना कराने को कहा तो नहीं माने। अब कांग्रेसिया कहता हैं कि देश भर में जाति आधारित गणना कराएं।झूठा बात बोलता है।
उन्होंने कहा कि आप सब जानते हैं हमलोगों ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछडा, अति पिछड़ा सब लोगों को देखा। इनकी संख्या बढ़ी है तो आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया है। जाति आधारित गणना में सभी जातियों का आकलन कराया है। गणना में सभी जातियों के 94 लाख गरीब परिवार मिले हैं, उन्हें राज्य सरकार की ओर से दो लाख रुपये देने का काम शुरू कर दिया है।