-- गंड़क बराज के जलस्तर में गिरावट।।
- अभियंताओं व कर्मचारीयों ने ली राहत की सांस।
BAGAHA News11tv
वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु कुमार गुप्ता की रिपोर्ट।
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित ऐतिहासिक गंडक बराज के जलस्तर में गिरावट का सिलसिला जारी है। वही बीते शुक्रवार की शाम को गंडक बराज का जलस्तर 3 लाख 42 हजार 800 क्यूसेक के लगभग जा पहुंचा था ।अाशंका जताया जा रहा था, कि जल स्तर में अभी और बढ़ोतरी होगी।किंतु नेपाल के जल अधिग्रहण व पहाड़ी वाले क्षेत्रों में बारिश रुकने के कारण शनिवार की शाम से गंड़क बराज के जल स्तर में गिरावट होनी शुरू हो गई। नेपाल के तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के रुकने के कारण और गंडक बराज त्रिवेणी में मिलने वाली कई छोटी बड़ी पहाड़ी नदियों में वर्षा का पानी नहीं आने से जलस्तर में गिरावट दर्ज हुई है। जिससे गंडक बराज का जलस्तर निरंतर कम हो रहा है। शनिवार से गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है। शनिवार की शाम 5 बजे गंडक बाराज से 2 लाख 18 हजार 6 सौ क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है।
इस गिरावट से जहां अभियंताओं व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।वहीं ग्रामीणों को भी राहत मिली है। इस बाबत पूछे जाने पर सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सियाराम पासवान ने बताया कि हम लगातार व्हाट्सएप वायरलेस और मोबाइल के जरिए नेपाल के अधिकारियों के संपर्क में हैं।गंडक नदी का जलस्तर शुक्रवार की रात से घटना शुरू हो गया है। बावजूद इसके गंडक बराज के सभी अभिंयता और कर्मी पूरी तरह अलर्ट मोड़ पर हैं। गंडक बराज के सभी फाटक आंशिक रूप से उठा दिए गए हैं। प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है ।
कटाव का बढा खतरा :--
गंडक बराज के जलस्तर में गिरावट के साथ ही गंडक नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में कटाव की संभावना काफी बढ़ गई है। जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों में दहशत का महौल है। ज्ञात हो कि पानी में गिरावट के बाद नदी के किनारे की मिट्टी पानी की धार के साथ कटाव शुरू हो जाती है। जिससे उपजाऊ भूमि और गांव पर भी खतरा मंडराना शुरू हो गया है।