-- छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों को आने जाने में करना पड़ रहा हैं,कठनाईयों का सामना।

-- छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों को आने जाने में करना पड़ रहा हैं,कठनाईयों का सामना।
-- छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों को आने जाने में करना पड़ रहा हैं,कठनाईयों का सामना।

-- छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों को आने जाने में करना पड़ रहा हैं,कठनाईयों का सामना।

-- चकदहवा सड़क पूरी तरह से जर्जर,

BAGAHA News11tv 

वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु कुमार गुुप्ता की रिपोर्ट।

वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर-रमपुरवा पंचायत के अंतर्गत भारत- नेपाल सीमा पर स्थित चकदहवा समेत बीन टोली, कान्ही टोला, झंडू टोला आदि गांव में निवास करने वाले लगभग सैकड़ों ग्रामीणों को रोहुआ टोला संपर्क मार्ग में बरसात के पानी के कारण मुख्य सड़क जर्जर हो जाने से काफी परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। बीते 15 दिनों से हो रही लगातार रुक-रुक कर बारिश के कारण रोहुआ टोला से चकदहवा जाने वाला सड़क पूरी तरह जर्जर और खतरनाक बन गया है। जिस पर पैदल चलना भी मुश्किल है।मुख्य सड़क से जाने वाले छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों को स्वास्थ, बाजार,शिक्षा आदि जरूरत के लिए काफी कठिनाइयों और परेशानियों के बीच जान जोखिम में डालकर जाना पड़ता है।और उनकी पढ़ाई बाधित होती है। जिससे उनके भविष्य में आगे बढ़ने के मार्ग में बाधा उत्पन्न होती हैं।बताते चलेें, कि रोहुआ टोला से चकदहवा जाने वाला संपर्क मार्ग वीटीआर के वन क्षेत्र से होकर गुजरता है। सड़क कच्ची होने के कारण बरसात और बाढ़ के दिनों में मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो जाता है। जिससे ग्रामीणों को पैदल आवागमन करना भी मुश्किल हो जाता है।
 बताते चलें कि अभी भी इस गांव में ग्रामीणों को बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। गांव में लगे एकमात्र सोलर प्लांट से ग्रामीणों को प्रकाश की व्यवस्था की जाती है। यह सोलर प्लांट भी प्रायः खराब ही रहता है।
प्रत्येक वर्ष यह गांव बाढ़ की त्रासदी भी झेलने को मजबूर होता है। गंडक का जलस्तर बढ़ने पर पूरे गांव में पानी भर जाता है।जिससे लोगों को ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करना पड़ता है।
इस गांव में निवास करने वाले लोगों को अपनी जरूरत के सामानों की खरीदारी के लिए आए दिन नजदीक के बाजार वाल्मीकि नगर और भेड़िहारी जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग करना पड़ता है।
गांव के नजदीक का स्वास्थ्य केंद्र भी लगभग 14 किलोमीटर की  दुरी पर स्थित है। जिससे आपात स्थिति में किसी की तबीयत खराब होने पर पैदल भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचाया जा सकता है।बरसात के दिनों में रास्ता खराब होने के कारण किसी के बीमार पड़ने पर चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध नहीं हो सकती है।किंतु बरसों से उपेक्षित यह गांव आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।20 मई को अपने वाल्मीकि नगर दौरे के क्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार चकदहवा गांव भ्रमण के लिए जाने के क्रम में मार्ग जर्जर होने के कारण उन्हें आधे रास्ते भारत के भगोड़े अपराधी मुन्ना खान के द्वारा अतिक्रमित विवादित भूमि से वापस लौटना पड़ा था। वह चकदहवा नहीं पहुंच पाए थे।